जैसा की पहले ही बता चुकी हूं कि फिल्म में कहानी ढूंढना सबसे बड़ी जंग है काफी मशक्कत के बाद भी आपको फिल्म के सिर-पैर अलग ही मिलेंगे। जितनी मुझे समझ आयी है आपको बता देती हूं। फिल्म की कहानी में मुख्य तीन किरदार है जो हद से ज्यादा बदकिस्मत है।
नयी फिल्म। अगर आपके पास दिमाग है तो कृपया करके 3 घंटे के लिए उसे बिल्कुल न लगाए, क्योंकि फिल्म पागलपंती पर दिमाग लगाकर आप बीमार हो सकते हैं बहुत बीमार!! जब बड़ी-बड़ी कॉमेड़ी फिल्म बनाने वाले अनीस बज्मी ने फिल्म को बनाते वक्त दिमाग नहीं लगाया तो आपको क्या जरूरत है। मैंने तो रिव्यू लिखने के लिए फिल्म देखते वक्त दिमाग लगाया था लेकिन मेरा हाल तो पीके के आमिर खान की तरह हो है। सहब कुछ लोस्ट!!! समझ नहीं आ रहा की आखिर बॉलीवुड को हो क्या गया है। फिल्मों के नाम पर सुपरस्टारों की फौज खड़ी कर देते हैं और पैसा पानी की तरह बहा देते हैं लेकिन कहानी और स्क्रिप्ट पर बिल्कुल काम नहीं करते। बिना अश्लिलता फैलाए कॉमेडी राइटर्स ने हंगामा, हलचल, हैरा-फैरी जैसी फिल्में लिख कर बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। आज फूहड़ डायलॉग्स की हदें पार करने क भी फिल्म तक दर्शकों को खीच नहीं पाते। मल्टीस्टारर कॉमेडी फिल्म 'पागलपंती' भी एक ऐसा ही जीता-जागता उदाहरण पेश करती है।